इंदौर योग केंद्र में 'मां तुझे सलाम' परफॉर्मेंस के दौरान हार्ट अटैक से
बलविंदर सिंह छाबड़ा का निधन
इंदौर, मध्यप्रदेश। इंदौर के फूटी कोठी स्थित अग्रसेन धाम में शुक्रवार को एक दुखद घटना घटी, जब योग केंद्र में देशभक्ति गीत 'मां तुझे सलाम' पर परफॉर्म कर रहे बलविंदर सिंह छाबड़ा अचानक मंच पर गिर पड़े। इस घटना को उपस्थित लोग परफॉर्मेंस का हिस्सा समझते रहे और तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत करते रहे। बलविंदर सिंह आर्मी यूनिफॉर्म पहने हुए थे और हाथ में तिरंगा लिए हुए देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत प्रस्तुति दे रहे थे।
अग्रसेन धाम में आस्था योग क्रांति अभियान द्वारा निशुल्क योग शिविर का आयोजन किया गया था। बलविंदर सिंह छाबड़ा, जिन्हें लोग प्यार से 'फौजी' कहते थे, वहां अपने प्रदर्शन से सभी को प्रेरित कर रहे थे। गीत के दौरान ही वे मंच पर गिर पड़े। पहले तो दर्शकों ने इसे परफॉर्मेंस का हिस्सा समझा, लेकिन गीत खत्म होने के बाद जब वे नहीं उठे, तो सबको शक हुआ।
जब कोई रिस्पॉन्स नहीं आया, तो उपस्थित लोगों ने उन्हें तुरंत सीपीआर दिया। कुछ देर बाद बलविंदर सिंह थोड़ी देर के लिए उठकर बैठ गए और पूछा कि मुझे क्या हो गया? वहां मौजूद लोगों ने तत्काल उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गये। जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की आशंका जताई है।
बलविंदर सिंह छाबड़ा ने अपने जीवन में महान कार्य करने का संकल्प लिया था। उनके मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि उन्होंने अंगदान का फॉर्म भरा हुआ था। इस जानकारी के आधार पर, मुस्कान ग्रुप के माध्यम से उनके नेत्र और त्वचा का दान किया गया। उनकी इस नेकदिली से कई लोगों की जिंदगी में रोशनी और आशा की किरण दे गये।
बलविंदर सिंह छाबड़ा की इस दुखद मृत्यु ने समाज को कई महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। एक ओर, यह घटना हमें स्वस्थ जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता की याद दिलाती है। वहीं दूसरी ओर, उनके अंगदान के फैसले ने यह साबित किया कि एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद भी दूसरों की जिंदगी में अमूल्य योगदान दे सकता है।
आस्था योग क्रांति अभियान के आयोजकों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, बलविंदर सिंह एक प्रेरणास्रोत थे, जिन्होंने देशभक्ति और मानवता की मिसाल पेश की। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
बलविंदर सिंह छाबड़ा की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी मृत्यु ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। लोग उनकी स्मृति में भावुक हो उठे और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को याद किया।
इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जीवन अनमोल है और हमें हर पल का सदुपयोग करना चाहिए। बलविंदर सिंह छाबड़ा की देशभक्ति, समर्पण और मानवता की भावना हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी। उनकी विरासत को हम सब आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
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