सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है: श्रीमति ममता दुर्गादास उईके
"मेरा हेलमेट मेरी सुरक्षा" अभियान पर विशेष चर्चा
महिलाओं की भूमिका अहम
श्रीमती ममता दुर्गादास उईके जी के साथ एक विशेष मुलाकात के दौरान, "मेरा हेलमेट मेरी सुरक्षा" अभियान के तहत महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं को चाहिए कि वे अपने परिवार के सदस्यों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा, "जिले की बहनों से अपील है कि वे अपने परिवार के सदस्यों को हेलमेट पहनने के लिए प्रोत्साहित करें और आस-पड़ोस की महिलाओं से भी यह आग्रह करें कि वे अपने परिवार के सदस्यों को इस महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय के पालन के लिए प्रेरित करें।" इस मौके पर राकेश सरियाम एवं विजय खातरकर सहित अन्य लोग मौजूद थे।
हेलमेट पहनना क्यों जरूरी है?
हेलमेट सिर की चोटों से बचाव करने में बेहद प्रभावी होता है, जो कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे घातक साबित हो सकती हैं। भारत में हर साल हजारों लोग सिर की चोटों के कारण अपनी जान गंवाते हैं, और हेलमेट पहनने से इस संख्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हेलमेट न केवल एक कानूनी अनिवार्यता है बल्कि एक आवश्यक सुरक्षा उपकरण भी है जो सवार और उसके परिवार को अनगिनत दुखों से बचा सकता है।
यातायात नियमों का पालन
श्रीमती उईके ने भी यातायात नियमों के पालन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम सड़क पर सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो हमें इन नियमों का पालन करना होगा:
- शराब पीकर वाहन न चलाएं: शराब के प्रभाव में गाड़ी चलाना न केवल आपके जीवन को खतरे में डालता है बल्कि दूसरों के लिए भी खतरनाक है।
- वाहन की गति पर नियंत्रण रखें: गति सीमा का पालन करना अनिवार्य है, क्योंकि तेज गति दुर्घटनाओं के जोखिम को बढ़ाती है।
- ट्रैक्टर ट्राली में इंडिकेटर लगाएं: यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भारी वाहनों में इंडिकेटर सही तरीके से काम कर रहे हों और इनसे दूरी बनाए रखें।
सड़क पर चलना: सुरक्षित उपाय
सड़क पर चलते समय सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- सड़क पार करते समय सावधानी: केवल ज़ेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करें और सिग्नल का पालन करें।
- रात के समय दृश्यता: रात के समय चमकीले या प्रतिबिंबित कपड़े पहनें जिससे वाहनों के चालक आपको देख सकें।
- सुनिश्चित करें कि बच्चे सुरक्षित हैं: बच्चों को सड़क पार करने के समय उनका हाथ पकड़ें और उन्हें सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में शिक्षित करें।
समुदाय में जागरूकता बढ़ाना
समुदाय में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। महिलाएं इस पहल में अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं। वे स्थानीय समूहों, स्कूलों और कार्यस्थलों में जाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित कर सकती हैं।
जब समाज के विभिन्न हिस्सों से लोग मिलकर काम करते हैं, तो सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा व्यक्तिगत और सामुदायिक जिम्मेदारी दोनों है। महिलाओं की भागीदारी और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हेलमेट पहनने की आदत डालना और यातायात नियमों का पालन करना हमारे जीवन को सुरक्षित और खुशहाल बना सकता है।
समाजसेवी सुनील सरियाम ने सतपुडा टूडे न्यूज वेबसाईट के माध्यम से आमजनों से कहां कि "मेरा हेलमेट मेरी सुरक्षा" अभियान न केवल एक संदेश है, बल्कि एक आह्वान भी है कि हम सभी को इस दिशा में अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए।
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