अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:
योग ने दुनिया को भाईचारे के सूत्र में बांधा - केंद्रीय राज्य मंत्री डीडी उईके
बैतूल, मध्यप्रदेश। शुक्रवार को जयवंती हाक्सर महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद दुर्गादास उईके ने कहा कि योग पूरे विश्व को भाईचारे के रूप में एक सूत्र में पिरोने का किया है। इस अवसर पर वे जिला स्तरीय सामूहिक योग कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद सामूहिक योग सत्र आयोजित किया गया। मंत्री ने सभी को जीवन में योग अपनाने का संदेश दिया।
श्री उईके ने अपने भाषण में भारत की सनातन परंपरा योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज दुनिया के 175 से अधिक देश योग की भारतीय परंपरा को अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 10 वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से योग को संपूर्ण विश्व ने अपनाया था और अब यह वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा का मजबूत उदाहरण बन गया है। उन्होंने जोर दिया कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बल्कि समाजिक समृद्धि के लिए भी आवश्यक है।
इस अवसर पर बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने भी योग के सामाजिक और मानसिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग न केवल स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वस्थ समाज के निर्माण में भी सहायक है। योग हमारे मन और मस्तिष्क को जोड़ता है, एकाग्रता बढ़ाता है और याददाश्त को सुधारता है।
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षत जैन, पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया, अपर कलेक्टर राजीव श्रीवास्तव, मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओमपाल भदौरिया सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
योग दिवस पर संकल्प
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री उईके ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में उपस्थित जनों को योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने सभी के सुखी और निरोगी जीवन की शुभकामनाएँ दीं और समाज व राष्ट्र की सेवा के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।
सामूहिक योग का अभ्यास
योग सत्र के दौरान उपस्थित जनों ने ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, कटिचक्रासन, दण्डासन, वज्रासन, तितली आसन, उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन और शवासन जैसे विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास किया। इसके बाद कपालभाति, नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि प्राणायाम किए गए।
इस सामूहिक योग सत्र ने भाग लेने वालों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के महत्व को रेखांकित किया और समाज को एकजुट करने की योग की शक्ति को उजागर किया
0 टिप्पणियाँ