महंगाई के दौर में ठेका श्रमिकों की बढ़ती आर्थिक चुनौतियाँ
बैतूल, 20 जून 2024 - वर्तमान समय में बढ़ती महंगाई के कारण ठेका श्रमिकों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इन श्रमिकों का न्यूनतम वेतन बढ़ाए बिना, उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो रहा है। ठेका श्रमिकों ने अब राज्य सरकार से अपनी इस विकट स्थिति में सहायता की गुहार लगा रहे है।
ठेका श्रमिकों के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन बहुत ही कम है, जिससे उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं। वर्तमान में कई ठेका श्रमिक सिर्फ ₹8,000 से ₹10,000 मासिक पर काम कर रहे हैं। इस वेतन में न केवल दैनिक जरूरतें पूरी करना मुश्किल है, बल्कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी पैसा नहीं बच पाता।
प्रदेश सरकार द्वारा मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढोत्तरी की थी, लेकिन कुछ उद्योग संगठनों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसके परिणामस्वरूप अदालत ने 8 मई 2024 को इन दरों पर स्थगन आदेश जारी किया। इसके पालन में, श्रमायुक्त ने 24 मई 2024 को पुराने दरों पर मजदूरी भुगतान का आदेश जारी कर दिया। हालात यह है कि देश में बढती महंगाई के अनुरूप मजदूरों की मजदूरी जमीन-आसमान का अंतर हो गया। जिससे मजदूरों के सामने आर्थिक संकट जैसे हालात बनने लगे है।
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर में तीव्र वृद्धि देखी गई है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, परिवहन, और स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में बढ़ोतरी ने ठेका श्रमिकों की जीवन यापन की गुणवत्ता को और भी खराब कर दिया है। श्रमिकों के लिए स्थिति और भी कठिन हो गई है। छोटे से छोटे मकान का किराया भी उनके मासिक आय का एक बड़ा हिस्सा खा जाता है, जिससे उनके पास अन्य आवश्यकताओं के लिए बहुत कम पैसा बचता है।
ठेका श्रमिकों की ओर से कई संगठनों ने राज्य सरकार से न्यूनतम वेतन में तत्काल वृद्धि की मांग की है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वे उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाएं। कारखानों एवं शासकीय विभागों में ठेका श्रमिकों के रूप में कार्य करने वाले श्रमिक अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं, लेकिन इतने कम वेतन में परिवार का पालन-पोषण करना बहुत मुश्किल हो रहा है। ठेका श्रमिकों का कहना है कि सरकार हमारी स्थिति को समझे और हमारी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वेतन में वृद्धि करे।
मध्यप्रदेश में विभिन्न श्रमिक संगठन ठेका श्रमिकों की समस्याओं को उजागर करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। ये संगठन नियमित रूप से प्रदर्शन और धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं ताकि सरकार पर दबाव डाला जा सके। मध्यप्रदेश श्रमिक संघठनों ने श्रमिकों की स्थिति अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से वेतन में वृद्धि की मांग लगातार की जा रही है। ताकि श्रमिक अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
ठेका श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार की ओर से ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। न्यूनतम वेतन में वृद्धि और अन्य आर्थिक सहायता योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। महंगाई के इस दौर में, ठेका श्रमिकों के लिए एक सम्मानजनक जीवन यापन करना एक बुनियादी अधिकार होना चाहिए। राज्य सरकार को श्रमिकों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार द्वारा सकारात्मक कदम उठाए जाने से न केवल ठेका श्रमिकों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि समाज में आर्थिक समानता और न्याय की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
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