पचमढ़ी नागद्वारी यात्रा 2024
एक अद्भुत आध्यात्मिक नागद्वारी का स्वर्गद्वार की यात्रा
🖉 Ramprasad Manekar
पचमढ़ी नागद्वारी यात्रा, मध्य प्रदेश के सतपुड़ा पर्वत श्रेणी में स्थित पचमढ़ी की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं में से एक है। यह यात्रा हर साल नागपंचमी के 11 दिन पहले प्रारंभ होती है और यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है। यह Nagdwar Yatra 2024 प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का एक संगम है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस यात्रा को पूरी करने वाला प्रत्येक श्रध्दालु धरती के स्वर्ग के बीच बसे Nagdwar Yatra 2024 नागद्वारी धाम के दोबारा देखने की तमन्ना अपने दिल में हमेशा बनाये रखता है। ऐसा ही अद्भूत नजारा सतपुडा की वादियों में देखने को मिलता है। Nagdwar Yatra 2024 जिसे नागद्वार का मार्ग या नागलोक का स्वर्गद्वार कहां जाता है। तो आईये हम आपको धरती का स्वर्ग और कश्मीर की वादियों जैसा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सतपुडा के घने जंगल के बीच बसे पचमढी नागद्वारी यात्रा की जानकारी इस आर्टिकल में देंगे।
यात्रा की शुरुआत
नागद्वारी Nagdwar Yatra 2024 के लिए श्रघ्दालुगण पचमढी और छिंदवाडा मार्ग से शुरूआत करते है। खास बात तो यह है साल में एक बार एक सप्ताह के लिए नागद्वारी मंदिर के दरवाजे नागपंचमी पर्व तक खुले रहते है। दुर्गम पहाडियों और बरसात के मौसम में धार्मिक यात्रा कठिन जरूर होती है, लेकिन श्रघ्दालुओं के उत्साह के आगे मार्ग की परेशानिया कुछ मायने नहीं रखती। सतपुडा की वादी में धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले पचमढी नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा जिलों के बीच स्थित है। Nagdwar Yatra 2024 यहां पहुँचने के लिए आपको कोई भी रास्ता चुन सकते हैं, लेकिन मुख्य पड़ाव पचमढ़ी ही होता है। पचमढ़ी नागद्वारी Nagdwar Yatra 2024 यात्रा के दौरान, यात्रियों को लगभग 12 किलोमीटर की दूरी को ऊँची पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच पार करना होता है। यह यात्रा आपको प्रकृति के अद्भुत नजारों के बीच ले जाती है, जहाँ आप सतपुड़ा के ऊँचे पेड़, नदियाँ, पहाड़ और झरनों को पार करते हुए आगे बढ़ते हैं। प्रकृति के अद्भूत नजारे देखते ही बनता है। श्रध्दालुगण जय भोले के जयघोष के साथ यह कठिन यात्रा करते है।
यात्रा की चुनौतीपूर्ण मार्ग
Nagdwar Yatra 2024 सतपुडा की रानी पचमढी की दुर्गम पहाडियों और कच्चे रास्तों से होकर गुजरता पडता है। यात्रा के दौरान आपको पैदल ही चलना होता है क्योंकि यहाँ घोड़े या खच्चर की कोई सुविधा नहीं होती। इसलिए यह यात्रा अमरनाथ यात्रा जैसी कठिन मानी जाती है। Nagdwar Yatra 2024 आपको सतपुड़ा के ऊँचे पहाड़ों, गुफाओं और नदी-नालों को पार करते हुए जाना होता है। यह यात्रा लगभग 35 फीट लंबी नागद्वार गुफा तक पहुँचती है, Nagdwar Yatra 2024 जो इस यात्रा का मुख्य आकर्षण है। चहुंओर हरियाली से घिरे नागद्वार धार्मिक स्थल को धरती का स्वर्गद्वार भी कहां जाता है।
पचमढी का नागद्वारी Nagdwar Yatra 2024 क्षेत्र सतपुडा टाइगर रिजर्व संरक्षित वन क्षेत्र होने के कारण यह क्षेत्र पूरी तरह से वन विभाग की निगरानी में रहता है। जिसके कारण यहां वर्ष भर आवाजाही पर प्रतिबंध होता है। वर्ष में एक बार नाग पंचमी पर्व के दौरान 10 दिनों के लिए ही खोला जाता है। इस दौरान यहां बारीश का मौसम रहता है। इसके बावजूद श्रध्दालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं रहती है। Nagdwar Yatra 2024 यहां सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्रीयन यात्रियों की होती है। महाराष्ट्र परिवहन लोगों को नागपुर से पचमढ़ी पहुंचने के लिए बस सेवा उपलब्ध कराता है, तो वहीं नर्मदापुरम जिला प्रशासन लोगों की सुरक्षा और सुविधा के इंतजाम करता है।
यात्रा के प्रमुख स्थल
धूपगढ़ और गणेश टेकरी
धूपगढ़ पचमढ़ी की सबसे ऊँची चोटी है, Nagdwar Yatra 2024 जहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्वितीय दृश्य देखे जा सकते हैं। गणेश टेकरी भी एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ भगवान गणेश की अद्भुत प्रतिमा स्थित है।
काजली और पश्चिम द्वार
काजली गाँव पचमढ़ी के पास स्थित है, जहाँ से नागद्वार Nagdwar Yatra 2024 यात्रा की मान्यता जुड़ी हुई है। पश्चिम द्वार एक और प्रमुख स्थान है, जिसे नागद्वार यात्रा के दौरान देखा जाता है।
पदमशेष द्वारा और अंबामाई
पदमशेष द्वारा और अंबामाई नागद्वार यात्रा के महत्वपूर्ण स्थल हैं। अंबामाई Nagdwar Yatra 2024 यात्रा का अंतिम पड़ाव माना जाता है और यहाँ पर यात्रियों के लिए विश्राम की व्यवस्था होती है।
स्वर्गद्वार की ओर
स्वर्गद्वार तक पहुँचने के लिए दो पहाड़ियों के बीच लोहे की खड़ी सीढ़ियाँ लगाई गई हैं। इसे नागराज की दुनिया भी कहा जाता है। यह स्थान अत्यंत धार्मिक महत्व का है और यहाँ आने वाले Nagdwar Yatra 2024 यात्री नागराज के दर्शन के लिए आते हैं।
यात्रा का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
पचमढ़ी नागद्वार Nagdwar Yatra 2024 यात्रा का धार्मिक या पौराणिक कथाओं से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन इसका अपना अद्वितीय महत्व है। कहा जाता है कि काजली गाँव की एक महिला ने पुत्र प्राप्ति के लिए नागराज को काजल लगाने की मन्नत मांगी थी। पुत्र प्राप्ति के बाद वह नागराज को काजल लगाने पहुँची और नागराज का विशाल रूप देखकर मोक्ष को प्राप्त हो गई। यह यात्रा लगभग 100 साल पहले शुरू हुई थी और तब से यह Nagdwar Yatra 2024 यात्रा लगातार की जाती है।
यात्रा के दौरान साहसिक अनुभव
इस यात्रा के दौरान यात्रियों को कई साहसिक अनुभव मिलते हैं। घने जंगलों, ऊँची चोटियों और कल-कल करती नदियों और झरनों के बीच चलना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है। यह Nagdwar Yatra 2024 यात्रा आपको प्रकृति के करीब ले जाती है और आपको सतपुड़ा के अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का मौका देती है। यहां आने वाला पर्यटक आनंद से भरपूर हो जाता है।
यात्रा के लिए तैयारियाँ
पचमढ़ी नागद्वार यात्रा के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण तैयारियाँ करनी होती हैं। यह यात्रा चुनौतीपूर्ण होती है और इसके लिए आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। अपने साथ पर्याप्त भोजन, पानी, और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री ले जाना आवश्यक है। Nagdwar Yatra 2024 यात्रा के दौरान मौसम की स्थिति का ध्यान रखें और अपने साथ गर्म कपड़े और बारिश से बचाव के लिए छाता या रेनकोट अवश्य रखें।
यात्रा का समापन
पचमढ़ी नागद्वार Nagdwar Yatra 2024 यात्रा का समापन अंबामाई में होता है, जहाँ यात्री विश्राम कर सकते हैं और यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को याद कर सकते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह आपको प्रकृति के अद्भुत दृश्यों और साहसिक अनुभवों का भी आनंद देती है। पचमढ़ी नागद्वारी Nagdwar Yatra 2024 यात्रा एक ऐसा अनुभव है जो आपको जीवन भर याद रहेगा। यह Nagdwar Yatra 2024 यात्रा न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है बल्कि यह आपको सतपुड़ा के अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव कराती है। अगर आप कुछ अद्वितीय और रोमांचक करना चाहते हैं, तो इस Nagdwar Yatra 2024 यात्रा को जरूर करें। यह यात्रा आपको आत्मा की गहराइयों तक शांति और प्रकृति की सुंदरता का एहसास कराएगी।
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