पेंच टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र के बंद होते ही गश्त बढ़ी,
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के दरवाजे पर्यटकों के लिए बंद हो गए हैं, लेकिन यह फैसला वन्यजीवन की सुरक्षा के लिए लिया गया है। बुधवार से कोर क्षेत्र में जाने वाली जिप्सी गाड़ियाँ थम गई हैं और उनकी जगह अब पेंच टाइगर रिजर्व का अमला पैदल गश्त कर रहा है। मानसून के मौसम में वन्यजीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पार्क प्रबंधन ने गश्ती को बढ़ा दिया है।
मानसून में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
हर साल मानसून के दौरान शिकार की संभावनाओं को देखते हुए, इस बार भी पेंच टाइगर रिजर्व ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। बाघ, काला तेंदुआ और अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 600 अधिकारी-कर्मचारी तीन महीनों तक दिन-रात गश्त करेंगे। गश्ती के दौरान हाथियों और ड्रोन का भी उपयोग किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी अवांछित गतिविधि न हो, पार्क प्रबंधन ने कोर क्षेत्र के हर बीट में पैदल गश्ती की योजना बनाई है। दिन में जहां पैदल गश्ती की जाएगी, वहीं रात में भी सतर्कता बरती जाएगी। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी।
पैदल गश्त और तकनीकी सुरक्षा का मिश्रण
पार्क में पैदल गश्त के साथ-साथ स्थाई कैंप, बैरियर और वन चौकियों पर भी तैनात अमले को उच्च सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। इस बार 169 पेट्रोलिंग कैंप, आठ बैरियर, तीन वन चौकियों और 13 अन्य कैंप में अमले को तैनात किया गया है। हर कैंप में 24 घंटे दो से तीन कर्मचारी तैनात रहकर निगरानी करेंगे। इसके अलावा, पार्क प्रबंधन ने आसपास के गांवों के लोगों की मदद भी सूचना तंत्र के रूप में ली है।
बफर क्षेत्र में रोमांचक सफारी का मजा
कोर क्षेत्र में तीन महीने तक पर्यटन बंद रहने के बावजूद, पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में पर्यटक अपनी सफारी का मजा ले सकते हैं। यहाँ बाघ के अलावा, बाघिन शावकों के साथ भी नजर आती है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, तेंदुआ भी यहाँ देखा जा सकता है। इसलिए, पेंच के बफर क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। बफर क्षेत्र में सुबह और रात दोनों समय की सफारी का आनंद उठाया जा सकता है।
हर गतिविधियों पर होगी नजर
जानकारी के अनुसार पेंच नेशनल पार्क के अधिकारियों का कहना है कि पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र तीन माह के लिए पर्यटन बंद हो गया है। अब यहां गश्त शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि करीब छह सौ अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएंगी। इतना ही नहीं गश्त के दौरान हाथियों की मदद भी ली जाएगी और समय-समय पर ड्रोन का भी उपयोग किया जाएगा। मानसून गश्त के लिए सभी को जिम्मेदारियां सौंप गई हैं।
पेंच टाइगर रिजर्व में मानसून के दौरान सुरक्षा के उठाए कदम:
- पैदल गश्त: हर बीट में दिन और रात में गश्ती।
- तकनीकी निगरानी: सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन का उपयोग।
- स्थाई कैंप और बैरियर: 169 पेट्रोलिंग कैंप, आठ बैरियर, तीन वन चौकियों में अमले की तैनाती।
- स्थानीय सहयोग: आसपास के गांवों के लोगों से सूचना तंत्र के रूप में मदद।
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